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बुधवार, 31 मार्च 2010

जॉनसन के कहर से ऑस्ट्रेलिया ने किया क्लीन स्वीप


तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने अपने टेस्ट करियर में दूसरी बार एक मैच में दस विकेट चटकाते हुए ऑस्ट्रेलिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे और आखिरी टेस्ट मैच के पांचवें दिन 176 रन से जीत दिलाकर सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप करवाई।
न्यूजीलैंड को जीत के लिए 479 रन की जरूरत थी लेकिन उसके बल्लेबाज जॉनसन के कहर के आगे नतमस्तक हो गए। न्यूजीलैंड की पूरी टीम 302 रन पर ढह गई। मार्टिन गुप्तिल ने सर्वाधिक 58 रन, ब्रैंडन मैकुलम ने 51 और टिम साउदी ने 45 रन बनाए। इस धमाकेदार जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने इन गर्मियों में अपना अपराजेय अभियान जारी रखा है। उसने पिछले आठ मैचों में से सात में जीत दर्ज की है जबकि एक ड्रॉ कराया है। ऑस्ट्रेलिया की ओर से जॉनसन ने न्यूजीलैंड की दूसरी पारी में 20.1 ओवर में 73 रन देकर छह विकेट चटकाए जबकि डग बोलिंजर ने दो विकेट लिए। माइकल क्लार्क और हारित्ज के खाते में एक-एक विकेट आया। जॉनसन ने पहली पारी में 59 रन पर चार विकेट लिए थे। इस तरह जॉनसन ने मैच में कुल दस विकेट अपनी झोली में डाले। उनके टेस्ट करियर में यह दूसरा मौका है जब उन्होंने एक मैच में दस शिकार किए।
इससे पहले न्यूजीलैंड ने कल के स्कोर पांच विकेट पर 185 रन से आगे खेलना शुरु किया। गुप्तिल 29 रन और मैकुलम 19 रन पर नाबाद थे। इन दोनों बल्लेबाजों ने छठे विकेट के लिए 87 रन जोड़े। लेकिन अपना अर्धशतक बनाने के बाद में अपनी पारी को अधिक लंबा नहीं खींच सके। दिन के दूसरे ही ओवर में जॉनसन की एक गेंद मैकुलम के हाथ पर जाकर लगी। लेकिन इसके बाद मैकुलम ने जॉनसन पर लगातार तीन चौके जड़ते हुए उन्हें अपनी शैली में जवाब दिया। मैकुलम को दो जीवनदान भी मिले जब 30 रन और 43 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर साइमन कैटिच ने शार्ट लेग पर उनके कैच टपकाए। लेकिन बोलिंगर ने नई गेंद के साथ मैकुलम को गली में माइक हसी के हाथों कैच कराते हुए उनकी पारी का अंत कर दिया। मैकुलम ने 98 गेंदों में नौ चौकों और एक छक्के की मदद से 51 रन बनाए। बोलिंगर ने इसके बाद जीतन पटेल .तीन. को मार्कस नार्थ के हाथों कैच कराते हुए कीवी टीम को दिन का दूसरा झटका दिया। इसके बाद जॉनसन ने संयम के साथ खेल रहे गुप्तिल को आउट करके न्यूजीलैंड की अंतिम उम्मीद को तोड़ दिया। वह 157 गेंदों में छह चौकों की मदद से 58 रन बनाकर दूसरी स्लिप में खडे रिकी पोंटिंग के हाथों लपके गए। साउदी ने हालांकि 25 गेंदों में सात चौकों और एक छक्के की मदद से ताबडतोड 45 रन बनाए लेकिन यह मेजबान टीम की हार को टालने के लिए नाकाफी थे। जॉनसन ने साउदी को डीप प्वाइंट पर माइकल क्लार्क के हाथों कैच कराते न्यूजीलैंड की पारी लंच से पहले ही समेट दी।

रविवार, 28 मार्च 2010

मासूमों की भी न सोची



जयपुर। प्रेमी के साथ जहर खाने वाली ममता ने शनिवार को अस्पताल में दम तोड दिया। उसके प्रेमी महीपाल की शुक्रवार देर रात ही मौत हो गई थी। पति की हत्या के बाद सात साल से दो बच्चों की देखभाल कर रही ममता की मौत से दो मासूमों के भविष्य पर तो सवाल खडा हो ही गया है वहीं, ममता को भी अपनों का कांधा नसीब नहीं होगा। ससुराल व पीहर पक्ष दोनों ही उसका शव लेने से इनकार कर रहे हैं।
मुहाना थानाधिकारी ने बताया कि मूलत: अजीतगढ के नारे गांव की ममता शेखावत (27) की शादी नीम का थाना निवासी बहादुर सिंह से हुई। सात साल पहले पारिवारिक विवाद में बहादुर की हत्या हो गई। पति की मौत के एक साल बाद ममता अपने दोनों बच्चों को लेकर पीहर चली आई। पांच साल पीहर में रहने के दौरान उसका सम्पर्क दिवराला निवासी महीपाल सिंह राठौड से हुआ और दोनों मुहाना थाना इलाके के मदरामपुरा में रहने लगे।
तीसरे से हुई परेशानीइस दौरान ममता की पहचान मदरामपुरा निवासी लालचंद कुमावत (28) से हुई जिसे उसने धर्म भाई बनाया। पुलिस के मुताबिक महीपाल व ममता में लालचंद को लेकर झगडा होता था। शुक्रवार को भी दोनों के बीच झगडा हुआ तो उन्होंने लालचंद को बुलाया। शराब के नशे में धुत लालचंद अपने साथ सेल्फॉस की गोलियां लेकर आया। पुलिस के मुताबिक लालचंद ने झगडे से तंग आकर मरने की बात कहते हुए एक गोली निगल ली। इस पर ममता व महीपाल ने भी उसके हाथ से छीनकर बाकी गोलियां खा लीं।
ये बच गया, वो मर गएअत्यधिक शराब पिए लालचंद को गोली निगलते ही उल्टी हो गई। ममता व महीपाल को 108 एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने महीपाल को मृत घोषित कर दिया और ममता ने शनिवार सुबह 7 बजे दम तोड दिया। पुलिस ने अस्पताल में भर्ती लालचंद के खिलाफ आत्महत्या का प्रयास व खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
ममता की मौत के बाद उसके बच्चों राहुल (9) व रोहन (7) के भविष्य को लेकर सवाल खडा हो गया है। अब तक दोनों बच्चे ममता के साथ ही रह रहे थे। दो दिन से दोनों बच्चों को पडोसी संभाल रहे है, लेकिन सवाल उठता है आखिर कब तक।

गुरुवार, 11 मार्च 2010

ममता ने वाम नेताओं से लीड ले ली: लालू



नई दिल्ली। राजद अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद लोकसभा में गुरुवार को पूरी फार्म में नजर आए और रेल मंत्री के रूप में उनके कामकाज के खिलाफ श्वेतपत्र लाने वाली ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि महिला विधेयक पर उन्होंने वामपंथी दलों से बढ़त ले ली है और भविष्य में उनसे सहयोग की उम्मीद है।
इसके अलावा लालू ने युवा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कामकाज की भी सराहना की और कहा कि वह युवा नेता हैं और आगे बढ़ें, अच्छी बात है। महिला विधेयक पर लोकसभा में अपनी बात रखते हुए लालू ने माकपा नेता बासुदेव आचार्य द्वारा टोकाटाकी किए जाने पर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यहां तीन यादवों की बात हो रही है , हम सब अपनी अपनी पार्टी के सुप्रीम हैं आपके यहां तो सब सुप्रीम खत्म हो गया है। आप न तो पाकिस्तान में हैं और न ही भारत में। ममता जी आपसे लीड ले गई हैं। इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं और भविष्य में भी सहयोग की उम्मीद करते हैं।
उनकी बातें सुनकर सत्ता पक्ष में बैठी ममता मंद मंद मुस्कुरा रही थीं। महिला विधेयक के विरोध में पिछले चार दिनों से बार बार आसन के समक्ष आने पर अध्यक्ष मीरा कुमार की नाराजगी पर भी उन्होंने कहा कि जब कोई नहीं सुनता है तो नजदीक जाना पड़ता है। इसको अन्यथा ना लें।

ताश का महल..



अमेरिका के आर्किटेक्ट ब्रायन बर्ग ने ताश के पत्तों से एक खूबसूरत महल बनाया है। उन्होंने मकाऊ के विख्यात होटल वेनेशियन मकाऊ की प्रतिकृति बनाकर अपना ही पुराना गिनीज व‌र्ल्ड रिकार्ड तोड़ दिया है। इसे बनाने में करीब दो लाख 18 हजार ताश के पत्तों का इस्तेमाल हुआ .

ऐश्वर्या से बेहतर कट्रीना!




कट्रीना कैफ है बॉलीवुड की नई लक्स सुंदरी। रिपोर्र्टो के मुताबिक ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन के लक्स विज्ञापन का लोगों पर उस तरह प्रभाव नहीं पड़ा जैसा कि उम्मीद थी, इसलिए लक्स के नए एड के लिए कट्रीना को चुना गया है।
इसके साथ ही कट्रीना अब कई दशकों तक ब्यूटी सोप के विज्ञापन करने वाली अभिनेत्रियों मधुबाला, हेमा मालिनी, श्रीदेवी, जूही चावला, माधुरी दीक्षित, करीना कपूर एवं ऐश्वर्या राय की फेहरिस्त में शामिल हो गई हैं। इस संबंध में कट्रीना कहती हैं कि मुझे नहीं लगता कि बॉलीवुड की हर अभिनेत्री को लक्स का विज्ञापन करने का मौका मिलता है। मैं यह अवसर पाकर बेहद खुश हूं। हाल ही में इस विज्ञापन की बैंकाक में शूटिंग संपन्न की गई है।
लक्स के नए विज्ञापन के लिए कट्रीना के चयन के साथ ही नया ट्विस्ट भी है। इसे बॉलीवुड में ऐश्वर्या के घटते प्रभाव और कट्रीना के बढ़ते कद के रूप में भी देखा जा रहा है। इसकी शुरुआत पिछले साल उस समय हुई थी जब बार्बी डॉल का कांट्रेक्ट ऐश्वर्या के हाथ खिसककर कट्रीना की झोली में आ गया था। इसके बाद नक्षत्र डायमंड के ब्रांड एंडोर्समेंट की डील ऐश्वर्या के हाथ से छूटकर कट्रीना को मिल गई। इतना ही नहीं गूगल पर भी सर्वाधिक सर्च की जाने वाली बॉलीवुड सेलेब्रिटी का खिताब ऐश्वर्या से छिनकर कट्रीना के पास पहुंच गया। इस संबंध में एड गुरू प्रह्लंाद कक्कड़ कहते हैं कि एड कौन करेगा, यह ब्रांड एंडोर्समेंट करने वाली शख्सियत के कद पर निर्भर करता है। आजकल विभिन्न ब्रांड कट्रीना को अपने विज्ञापन के लिए लेने में रुचि दिखा रहे हैं, इसकी वजह है कि वह सफल होने के साथ ही युवा हैं और उनकी इंटरनेशनल अपील है। ऐश्वर्या का जादू अब घटने लगा है, इसमें उम्र का फैक्टर शामिल है।
मार्केटिंग सोल्यूशन फर्म एल्केमिस्ट के प्रबंध निदेशक मनीश पोरवाल कहते हैं कि ऐश्वर्या राय इन दिनों स्क्रीन पर काफी कम नजर आती हैं, जबकि कट्रीना की फिल्में लगातार रिलीज हो रही हैं। अपनी डिमांड बढ़ाने के लिए ऐश्वर्या को स्क्रीन पर अपनी मौजूदगी बढ़ानी होगी। विज्ञापनदाताओं के लिए स्टार चेहरा बड़ा ऐसेट है, क्योंकि उसके माध्यम से दर्शक आसानी से स्वयं को उत्पाद से जोड़ पाते हैं। प्रह्लंाद कक्कड़ कहते हैं कि ऐश्वर्या और अभिषेक का शादी के बाद फ‌र्स्ट एपियरेंस व्यर्थ हो गया। उसमें कुछ नयापन या सरप्राइज फैक्टर नहीं था। यह बात अलग है कि इस एड के लिए उन्हें 25 करोड़ की बड़ी राशि अदा की गई थी। नि:संदेह ऐश्वर्या खूबसूरत हैं, पर जब युवाओं को आकर्षित करने की बाद आती है, तो कट्रीना उन्हें मात दे जाती हैं। ब्रांड कट्रीना को फ्यूचर के रूप में देखते हैं।
कट्रीना सिर्फ ऐश्वर्या पर ही नहीं, बल्कि प्रियंका चोपड़ा पर भी भारी हैं। हाल ही में टेल्कम उत्पाद के एंडोर्समेंट डील में उन्होंने प्रियंका को रीप्लेस किया है। कट्रीना की गिनती ब्रांड एंडोर्समेंट करने वाली टॉप की हस्तियों में होती है। एंडोर्समेंट से भी उनकी अच्छी कमाई है। प्रत्येक एंडोर्समेंट डील के लिए कट्रीना चार करोड़ रुपए तक वसूलती हैं। इससे जाहिर है कि एड व‌र्ल्ड में कट्रीना की पूछ कितनी है।

बुधवार, 10 मार्च 2010

कैप्टन गुलाब सिंह सर्वश्रेष्ठ घुड़सवार

पहले चार स्थानों में से तीन पर सेना का कब्जा मेरठ, जागरण संवाददाता : सेना की रिमाउंट एंड वेटनरी कोर (आरवीसी) स्थित आर्मी इक्यूस्ट्रेन नोड ट्रेनिंग सेंटर मेरठ में मंगलवार को राष्ट्रीय इक्यूस्ट्रेन (घुड़सवारी) प्रतियोगिता के आखिरी दिन शो जंपिंग हुई। तीन दिन चली प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ घुड़सवार सेना के आनरेरी कैप्टन गुलाब सिंह रहे। गुलाब सिंह के जोरदार प्रदर्शन से उनका राष्ट्रीय टीम में स्थान सुरक्षित हो गया है। इसी के साथ एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम के चयन का चौथा दौर भी पूरा हुआ। सेना घुड़सवारी के आरवीसी ट्रेनिंग सेंटर और कालेज स्थित नोड में शो जंपिंग का आयोजन किया गया। शो में सेना का जोरदार प्रदर्शन रहा है। सेना के प्रबल दावेदारों ने आखिरी दिन भी जोरदार प्रदर्शन किया। अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी विशेषज्ञों स्काटलैंड जुट्टा केश्वुला और कर्सिस्टना केलिंगपर तथा थाईलैंड से टोप पनटेप की देखरेख में ड्रेसेज, क्रास कंट्री और शो जंपिंग की हुई प्रतियोगिता में आनरेरी कैप्टन गुलाब सिंह पहले, दूसरे स्थान पर ले कर्नल आर. पट्टू, तीसरे स्थान पर एम. एस. राठौड़ तथा चौथे स्थान पर रिसालदार सुनील कुमार रहे। अर्जुन घोड़े पर सवार आनरेरी कैप्टन गुलाब सिंह पांच चरणों में होने वाली प्रतियोगिता व एशियाई खेलों के लिए चयनित होने वाली टीम की चयन प्रक्रिया में टाप पर चल रहे हैं। चयन का अंतिम चरण भी मेरठ में ही होगा।

मंगलवार, 9 मार्च 2010

रचा इतिहास




एंजिलिस में 82वें एकेडमी अवा‌र्ड्स में हालीवुड सिनेमा में श्रेष्ठता के पैमाने बदलते नजर आए। फिल्म द हर्ट लाकर की निर्देशक कैथरीन बिगेलो ने जब सर्वश्रेष्ठ निर्देशक की ट्राफी जीती, तो इतिहास रच गया। पहली बार आस्कर के मंच पर कोई महिला यह पुरस्कार पा रही थी। सौंवे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर यह दुनिया में कामयाबी का एक नया हस्ताक्षर था।

सोमवार, 8 मार्च 2010

इंडियन प्रिमिअर जीतेगी राजस्थान रायल

जयपुर : इंडियन प्रीमियर लीग के तीसरे सत्र के करीब आने पर बालीवुड अभिनेत्री और राजस्थान रायल्स टीम की सह मालिक शिल्पा शेट्टी ने रविवार को उम्मीद जताई कि शेन वार्न की अगुआई वाली उनकी टीम एक बार फिर टूर्नामेंट जीतने की पहले साल की उपलब्धि को दोहरा पाएगी। वर्ष 2008 में पहला टूर्नामेंट जीतने वाली राजस्थान की टीम पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में आयोजित टूर्नामेंट में छठे स्थान पर रही थी। शिल्पा ने कहा, हम पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में इंडियन प्रीमियर लीग में छठे स्थान पर रहे थे। मगर हम पहले सत्र में चैंपियन थे और उम्मीद करती हूं कि तीसरे टूर्नामेंट में टीम फिर आगे बढ़ेगी। शिल्पा यहां रायल्स के सह मलिक और अपने पति राज कुंद्रा के साथ पर्यावरण जागरुकता कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई थी।
ननीस भारत रवाना मेलबर्न : आस्ट्रेलिया के डर्क ननीस इस साल इंडियन प्रीमियर लीग में भाग लेने दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के साथ जुड़ने के लिए भारत के लिए रवाना हो गए और इस तेज गेंदबाज ने कहा कि वह भारत में सुरक्षित महसूस करते हैं। पिछले कुछ हफ्तों से चल रही सुरक्षा चिंताओं के बावजूद नानेस ने द हेराल्ड सन से कहा, मैं हमेशा ही भारत में अच्छा महसूस करता है। अगर आप सुरक्षित महसूस करते होते हो तो शायद आप सुरक्षित हो। लेकिन सचाई अलग भी हो सकती है। मैं खुद फैसला नहीं कर पा रहा था, लेकिन सौभाग्य से आस्ट्रेलियाई क्रिकेट संघ ने काफी जांच की है और हमारे लिए सुरक्षा मुहैया कराने पर जोर दे रहा है।

2050 से बहुत पहले पलट देंगे तख्ता


नई दिल्ली देश में अपनी सत्ता जमाने के माओवादियों के खतरनाक मंसूबों पर से केंद्र सरकार के परदा उठाने के ठीक दूसरे दिन नक्सलवादी खेमे ने दो कदम आगे बढ़कर चेतावनी जारी कर दी। माओवादी नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी ने शनिवार देर रात कह दिया कि हम 2050 से बहुत पहले ही भारत में तख्ता पलटकर रख देंगे। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए हमारे पास हमारी अपनी पूरी फौज है। माओवादी नेता ने इस बात से इनकार किया कि पूर्व सैनिकों से उसे कोई मदद मिल रही है। वहीं, गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा है कि माओवादी यह स्वप्न देखते रहें आखिर सपना देखने का अधिकार सभी को है। उन्होंने दोहराया कि बातचीत तो बिना हिंसा छोड़े नहीं हो सकती। इसे गृह सचिव पिल्लई के शुक्रवार के बयान से पैदा हुई उत्तेजना का नतीजा माना जाए या कुछ। यह पहली बार है कि माओवादियों की तरफ से तख्ता पलटने जैसी चेतावनी खुले तौर पर आई है। ज्ञात हो, पिल्लई ने शुक्रवार को कह दिया था कि माओवादी देश में तख्ता पलटने का मंसूबा पाले हुए हैं। जानकारों की माने तो देश को भीतर ही भीतर खोखला कर अपनी गहरी जडे़ जमाने की माओवादियों की सुनियोजित रणनीति को लेकर जो अंदेशा जताया जाता रहा है किशनजी के बयान से उसकी पुष्टि हो जाती है। आंतरिक सुरक्षा विशेषज्ञों ने लगातार आगाह किया है कि बंदूक और बुद्धिजीवियों के सहारे सत्ता स्थापित करने का लक्ष्य माओवादियों के दिमाग में है। यही वजह है कि सूबों की राजनीति में भी उनका गहरा दखल होता जा रहा है। माओवादियों की सियासत में घुसपैठ का पश्चिम बंगाल सबसे ठोस प्रमाण माना जा रहा है। शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माओवादियों को देश के लिए सबसे गंभीर खतरा करार दिया था। हिंसा छोड़कर माओवादियों को वार्ता के रास्ते चलने का प्रस्ताव दे रहे केंद्र सरकार को यह कड़ा जवाब है जो किशनजी ने दिया है। सूत्रों का मानना है कि बिना शर्त वार्ता के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में भी किशनजी ने ऐसे तेवर दिखाए हैं। यही वजह है कि पिल्लई ने माओवादी नेता को साफ संदेश दे दिया कि बातचीत के लिए जो शर्त रखी गई है उसे माने बिना कुछ नहीं हो सकता। गृह सचिव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा हिंसा छोड़े बगैर वार्ता संभव नहीं है। तख्ता पलटने जैसे स्वप्न देखने का अधिकार उन्हें प्रजातांत्रिक देश में पूरी तरह है लेकिन बातचीत को लेकर हमारा रुख वही है।

सिर्फ अफसरों की पत्नियों को नेता बनाएगा यह आरक्षण


लखनऊ सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का मानना है कि अगर वर्तमान स्वरूप में महिला आरक्षण लागू हुआ तो उसका सबसे ज्यादा लाभ अफसरों को मिलेगा। वे सरकार चलाएंगे और उनकी पत्नियां नेता हो जाएंगी। सपा प्रमुख यह दोहराना भी नहीं भूले कि वह महिलाओं के आरक्षण के विरोधी नहीं है, लेकिन जिस स्वरूप में बिल लाया जा रहा है वह पार्टी को मंजूर नहीं है। रविवार को लखनऊ में सपा प्रमुख ने महिला आरक्षण विधेयक पर कांगे्रस और भाजपा को एक ही थैली का चट्टा-बट्टा बताया। कहा, कांग्रेस अगर सेकुलर होती तो वह भाजपा की मदद कतई नहीं लेती। अगर कांग्रेस वास्तव में महिलाओं की हितैषी है तो नौकरियों में उनको पूरा पचास फीसदी आरक्षण दे दे। उन्होंने कटाक्ष किया क्या कांग्रेस ने कभी 33 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया? उन्होंने माना कि महिला आरक्षण के वर्तमान स्वरूप का लाभ लेते हुए अफसरों की पत्नियां संसद व विधानसभा में आसानी से प्रवेश पा लेंगी। उन्होंने महिला आरक्षण के वर्तमान विधयेक को पिछड़े, मुस्लिम व दलितों के खिलाफ करार देते हुए कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस और भाजपा में इन वर्गो के जो नुमाइंदे हैं उनकी हैसियत बंधुआ मजदूरों जैसी है और ये लोग चाह कर भी अपना मुंह नहीं खोल सकते हैं। पत्रकार वार्ता में मुलायम ने कहा कि केंद्र सरकार महिलाओं के आरक्षण का जो बिल ला रही है वह दलित, मुस्लिम व पिछड़े वर्ग की महिलाओं को राजनीति में आगे से बढ़ने से रोकने की साजिश है। सपा चाहती है कि आरक्षण 33 के बजाय 20 प्रतिशत हो। सीटों को आरक्षित न कर, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य किया जाए कि अगर वे इतने फीसदी महिलाओं को टिकट नहीं देंगे तो उनकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी।

रविवार, 7 मार्च 2010

,कब कौन सा मैच

Tue, 09 New Zealand vs Australia,3rd ODISeddon Park
Wed, 10 West Indies vs Zimbabwe,3rd ODIArnos Vale Ground
Thu, 11 New Zealand vs Australia,4th ODIEden Park
Fri, 12 Deccan Chargers vs Kolkata Knight Riders,Match 1DY Patil Stadium
Fri, 12 - Tue, 16Bangladesh vs England,1st TestChittagong Divisional Stadium
Fri, 12 West Indies vs Zimbabwe,4th ODIrnos Vale Ground
Sat, 13 Mumbai Indians vs Rajasthan Royals,Match 2Brabourne Stadium, Mumbai
Sat, 13 Kings XI Punjab vs Delhi Daredevils,Match 3PCA Stadium, Mohali
Sat, 13
New Zealand vs Australia,5th ODI
Westpac Stadium
Sun, 14
Chennai Super Kings vs Deccan Chargers,Match 5
MA Chidambaram Stadium
Sun, 14
Kolkata Knight Riders vs Bangalore Royal Challengers,Match 4
Eden Gardens
Sun, 14
West Indies vs Zimbabwe,5th ODI
Arnos Vale Ground
Mon, 15
Rajasthan Royals vs Delhi Daredevils,Match 6
Sardar Patel Stadium, Motera
Tue, 16
Bangalore Royal Challengers vs Kings XI Punjab,Match 7
M Chinnaswamy Stadium
Tue, 16
Kolkata Knight Riders vs Chennai Super Kings,Match 8
Eden Gardens
Wed, 17
Delhi Daredevils vs Mumbai Indians,Match 9
Feroz Shah Kotla Stadium
Thu, 18
Bangalore Royal Challengers vs Rajasthan Royals,Match 10
M Chinnaswamy Stadium
Fri, 19
Deccan Chargers vs Kings XI Punjab,Match 12
Barabati Stadium
Fri, 19 - Tue, 23
New Zealand vs Australia,1st Test
Basin Reserve
Fri, 19
Delhi Daredevils vs Chennai Super Kings,Match 11
Feroz Shah Kotla Stadium
Sat, 20
Rajasthan Royals vs Kolkata Knight Riders,Match 13
Sardar Patel Stadium, Motera
Sat, 20
Mumbai Indians vs Bangalore Royal Challengers,Match 14
Brabourne Stadium, Mumbai
Sat, 20 - Wed, 24
Bangladesh vs England,2nd Test
Shere Bangla National Stadium, Mirpur
Sun, 21
Chennai Super Kings vs Kings XI Punjab,Match 16
MA Chidambaram Stadium
Sun, 21
Delhi Daredevils vs Deccan Chargers,Match 15
Barabati Stadium
Mon, 22
Mumbai Indians vs Kolkata Knight Riders,Match 17
Brabourne Stadium, Mumbai
Tue, 23
Bangalore Royal Challengers vs Chennai Super Kings,Match 18
M Chinnaswamy Stadium
Wed, 24
Kings XI Punjab vs Rajasthan Royals,Match 19
PCA Stadium, Mohali
Thu, 25
Mumbai Indians vs Chennai Super Kings,Match 20
Brabourne Stadium, Mumbai
Fri, 26
Rajasthan Royals vs Deccan Chargers,Match 21
Sardar Patel Stadium, Motera
Sat, 27
Bangalore Royal Challengers vs Delhi Daredevils,Match 23
M Chinnaswamy Stadium
Sat, 27
Kings XI Punjab vs Kolkata Knight Riders,Match 22
PCA Stadium, Mohali
Sat, 27 - Wed, 31
New Zealand vs Australia,2nd Test
Seddon Park
Sun, 28
Rajasthan Royals vs Chennai Super Kings,Match 24
Sardar Patel Stadium, Motera
Sun, 28
Deccan Chargers vs Mumbai Indians,Match 25
DY Patil Stadium
Mon, 29
Delhi Daredevils vs Kolkata Knight Riders,Match 26
Feroz Shah Kotla Stadium
Tue, 30
Mumbai Indians vs Kings XI Punjab,Match 27
Brabourne Stadium, Mumbai
Wed, 31
Chennai Super Kings vs Bangalore Royal Challengers,Match 28
MA Chidambaram Stadium
Wed, 31
Delhi Daredevils vs Rajasthan Royals,Match 29
Feroz Shah Kotla Stadium

आईसीसी वनडे रैन्किंग्षा

आईसीसी वनडे रैंकिंग्सः 18 फरवरी 2010
टीम रेटिंग्स
ऑस्ट्रेलिया 13 4
भारत 121
साउथ अफ्रीका 1 19
न्यूजीलैंड 113
इंग्लैंड 109
श्रीलंका 108
पाकिस्तान 104
वेस्ट इंडीज़ 7 4
बांग्लादेश 53
जिंबाब्वे 26
आयरलैंड 25
केन्या 2

शनिवार, 6 मार्च 2010

शुक्रवार, 5 मार्च 2010

स्नातक के छात्र नहीं भर सकेंगे बीएड फार्म

मई को प्रस्तावित बीएड की प्रवेश परीक्षा में इस साल स्नातक अंतिम वर्ष के छात्र नहीं बैठ सकेंगे। लविवि प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बीएड प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए स्नातक में 45 प्रतिशत अंक होने जरूरी हैं। चूंकि स्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम पांच मई तक घोषित नहीं हो सकेगा। ऐसे में वह परीक्षा के लिए अर्ह नहीं होंगे। विवि प्रशासन ने अपनी वेबसाइट पर यह सूचना जारी करके उन हजारों छात्रों का भ्रम दूर करने का प्रयास किया है, जो इस बात को लेकर असमंजस में थे और अपनी परेशानी को लेकर विवि के चक्कर काट रहे थे। दरअसल वर्ष 2007 में कानपुर विवि ने बीएड की परीक्षा अगस्त में और 2008 में आगरा विवि ने अक्टूबर में आयोजित कराई थी। तब तक छात्रों का स्नातक का परिणाम आ गया था इसके चलते स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों को भी परीक्षा देने का मौका मिल गया था। इस बार लविवि बीएड परीक्षा सही समय पर यानी मई के पहले हफ्ते में करा रहा है, इसलिए परीक्षा वही दे सकेंगे जिन्होंने बीते वर्ष या उससे पहले स्नातक पूरा किया है।

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क्या ढोंगी बाबा के पास है जयपुर से गायब लड़की

नई दिल्लीइच्छाधारी ढोंगी बाबा राजीव रंजन द्विवेदी के कारनामों के रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब उसके कब्जे में जयपुर से गायब हुई एक लड़की के होने के मामले का खुलासा हुआ है। लापता लड़की के बारे में बाबा से पता लगाने के लिए जयपुर पुलिस की टीम गुरुवार को दिल्ली के साकेत थाने पहुंची। गायब लड़की ने बाबा के मोबाइल फोन से आखिरी बार अपने घर वालों से बात की थी, इसी आधार पर जयपुर पुलिस राजधानी दिल्ली पहुंची है। जयपुर पुलिस के मुताबिक, गत 23 दिसंबर को श्यामनगर की रहने वाली 20 वर्षीय कृपा अग्रवाल को पड़ोस में रहने वाला युवक नफीस भगा ले गया था। तब से उसका मोबाइल बंद हैं। 29 और 30 दिसंबर को कृपा ने दिल्ली से जयपुर अपनी मां से मोबाइल नंबर 9718940748 से बातचीत की थी। बातचीत में उसने कहा कि वह अपनी मर्जी से दिल्ली आई है। कुछ महीने बाद वह मिलने के लिए घर आएगी। उसके बाद से यह नंबर भी बंद पड़ा है। जांच में पता चला कि यह नंबर ढोंगी बाबा का है। बाबा ने शिव मूरत द्विवेदी के नाम से खानपुर वाले पते पर यह नंबर लिया था। इसके बाद पुलिस टीम के साथ जनवरी में कृपा का भाई बाबा को ढूंढता हुआ दिल्ली पहुंचा था। बाबा ने उसे एक स्थान पर अकेला बुलाया। बाबा ने उसे वापस लौट जाने को कहा और 15 दिनों के अंदर उसकी बहन को वापस घर भेजने का दावा किया था। लेकिन अब तक न तो युवती और न ही उसे भगाकर लाने वाले युवक का कोई अता-पता है। बाबा के पकड़े जाने की खबर आने के बाद पुलिस टीम दोबारा बाबा की तलाश में दिल्ली आई। जयपुर की इस घटना के सामने आने से उस आरोप की पुष्टि होती है कि ढोंगी बाबा ने सेक्स रैकेट का जाल देशभर में फैला रखा है।

स्पेन को आंकने में हुई गलती

अपनी टीम को इस तरह हारते देख बहुत दुख हुआ। विश्व कप में इस हार के साथ ही भारतीय टीम का सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें खत्म हो गई। स्पेन के खिलाफ 5-2 से हार के बावजूद मैं दावे के साथ कह सकता हूं हमारी टीम ने इस यूरोपीय टीम को हराने की क्षमता थी। गोलकीपर की छोटी से गलती ने स्पेन को हावी होने का मौका दे दिया। गोलकीपर ने पोल से थोड़ी दूरी बनायी जो टीम को काफी महंगी पड़ी। स्कोर भले की भारतीय टीम की दुर्दशा बयां कर रहा हो, लेकिन यह बदल सकता था अगर मेजबानों ने पहले से स्पेन के खिलाफ पुख्ता तैयारी की होती। यहां मैं कोच की रणनीति पर भी टिप्पणी करना चाहूंगा जिन्होंने इस यूरोपीय टीम को आंकने में गलती की। शुरूआत में भारत ने स्पेन को काफी ओपनिंग दी जिससे उन्हें अटैक करने का मौका मिला। जिन संदीप सिंह के सहारे भारत विश्व कप की नैया पार करने की सोच रहा था वह फ्लाप साबित हो रहे हैं। ड्रैग फ्लिक की छोड़े वह डिफेंस भी कमजोर नजर आये। डिफेंस बुरी तरह चरमराया हुआ था। हालांकि टीम ने 4-4-2 की नीति अपनायी हुई थी लेकिन फिर भी स्पेनी खिलाड़ी आसानी के साथ हमारी डी में टहल रहे थे। फारवर्ड लाइन में करंट नजर नहीं आया। मूव तो बने लेकिन उनमें तेजी नहीं दिखी। शिवेंद्र की कमी साफ खल रही थी। वैसे इस हार की कई और वजह भी हैं। भारतीय टीम ने काफी समय से स्पेन और दूसरीयूरोपीय टीमों के खिलाफ मैच नहीं खेला है। इसलिए इन टीमों की क्षमता से हमारे खिलाड़ी वाकिफ ही नहीं है। मैदान पर इसका फर्क दिखायी भी पड़ा।

गुरुवार, 4 मार्च 2010












मप्र में गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी

मप्र में गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां कहा कि सरकारी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। गीता किसी एक धर्म, पंथ या मत का प्रतिनिधित्व नहीं करती, यह ज्ञान से परिपूर्ण है। इसके लिए समिति बनी है उसकी रिपोर्ट आने के बाद सरकार गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर सकती है। वह सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में बुधवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। पाठ्यक्रम में गीता को लागू करने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं जल्दबाजी में कुछ नहीं कहूंगा,क्योंकि धर्म व अध्यात्म को लेकर काफी हो हल्ला मचता है इसलिए रिपोर्ट आने के बाद विचार करके ही निर्णय लूंगा। गीता हमारी धरोहर है। इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। भाजपा के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी अच्छी स्थिति में है साथ ही उसका भविष्य भी अच्छा है। उत्तर प्रदेश में भी उसकी स्थिति मजबूत है और वही विकल्प है। आने वाले चुनाव में भाजपा की सरकार बनेगी। महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा के शासन काल में महंगाई पर अंकुश था। जनता को काफी राहत थी। केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ाने से विकास नहीं होने वाला है। सरकार को ऐसी योजना बनानी होगी जिससे गरीब जनता को ज्यादा से ज्यादा राहत मिल सके। पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों के बढ़ने से सभी सामान के दाम बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र और प्रदेश की सरकारों में तालमेल नहीं होगा तब तक महंगाई से जनता को राहत नहीं मिलने वाली है। आतंकवाद और नक्सलवाद पर चौहान ने कहा कि बंदूक के बल पर नक्सलवाद को समाप्त नहीं किया जा सकता है। जब तक गरीब आदिवासियों, गिरीवासियों को विकास की मुख्यधारा से नहीं जोड़ा जायेगा, नक्सल समस्या खत्म होने वाली नहीं है। उन्होंने सफाई दी की मध्य प्रदेश में नक्सल समस्या नहीं है। साथ ही अपनी सरकारी की उपलब्धियों का बखान करते हुए सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिल रहा है। किसानों को गेहूं पर 100 रुपये का बोनस दिया जा रहा है।
मप्र में गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी
ठ्ठ जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां कहा कि सरकारी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। गीता किसी एक धर्म, पंथ या मत का प्रतिनिधित्व नहीं करती, यह ज्ञान से परिपूर्ण है। इसके लिए समिति बनी है उसकी रिपोर्ट आने के बाद सरकार गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर सकती है। वह सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में बुधवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। पाठ्यक्रम में गीता को लागू करने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं जल्दबाजी में कुछ नहीं कहूंगा,क्योंकि धर्म व अध्यात्म को लेकर काफी हो हल्ला मचता है इसलिए रिपोर्ट आने के बाद विचार करके ही निर्णय लूंगा। गीता हमारी धरोहर है। इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। भाजपा के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी अच्छी स्थिति में है साथ ही उसका भविष्य भी अच्छा है। उत्तर प्रदेश में भी उसकी स्थिति मजबूत है और वही विकल्प है। आने वाले चुनाव में भाजपा की सरकार बनेगी। महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा के शासन काल में महंगाई पर अंकुश था। जनता को काफी राहत थी। केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ाने से विकास नहीं होने वाला है। सरकार को ऐसी योजना बनानी होगी जिससे गरीब जनता को ज्यादा से ज्यादा राहत मिल सके। पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों के बढ़ने से सभी सामान के दाम बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र और प्रदेश की सरकारों में तालमेल नहीं होगा तब तक महंगाई से जनता को राहत नहीं मिलने वाली है। आतंकवाद और नक्सलवाद पर चौहान ने कहा कि बंदूक के बल पर नक्सलवाद को समाप्त नहीं किया जा सकता है। जब तक गरीब आदिवासियों, गिरीवासियों को विकास की मुख्यधारा से नहीं जोड़ा जायेगा, नक्सल समस्या खत्म होने वाली नहीं है। उन्होंने सफाई दी की मध्य प्रदेश में नक्सल समस्या नहीं है। साथ ही अपनी सरकारी की उपलब्धियों का बखान करते हुए सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिल रहा है। किसानों को गेहूं पर 100 रुपये का बोनस दिया जा रहा है।मप्र में गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी
ठ्ठ जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां कहा कि सरकारी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। गीता किसी एक धर्म, पंथ या मत का प्रतिनिधित्व नहीं करती, यह ज्ञान से परिपूर्ण है। इसके लिए समिति बनी है उसकी रिपोर्ट आने के बाद सरकार गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर सकती है। वह सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में बुधवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। पाठ्यक्रम में गीता को लागू करने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं जल्दबाजी में कुछ नहीं कहूंगा,क्योंकि धर्म व अध्यात्म को लेकर काफी हो हल्ला मचता है इसलिए रिपोर्ट आने के बाद विचार करके ही निर्णय लूंगा। गीता हमारी धरोहर है। इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। भाजपा के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी अच्छी स्थिति में है साथ ही उसका भविष्य भी अच्छा है। उत्तर प्रदेश में भी उसकी स्थिति मजबूत है और वही विकल्प है। आने वाले चुनाव में भाजपा की सरकार बनेगी। महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा के शासन काल में महंगाई पर अंकुश था। जनता को काफी राहत थी। केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ाने से विकास नहीं होने वाला है। सरकार को ऐसी योजना बनानी होगी जिससे गरीब जनता को ज्यादा से ज्यादा राहत मिल सके। पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों के बढ़ने से सभी सामान के दाम बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र और प्रदेश की सरकारों में तालमेल नहीं होगा तब तक महंगाई से जनता को राहत नहीं मिलने वाली है। आतंकवाद और नक्सलवाद पर चौहान ने कहा कि बंदूक के बल पर नक्सलवाद को समाप्त नहीं किया जा सकता है। जब तक गरीब आदिवासियों, गिरीवासियों को विकास की मुख्यधारा से नहीं जोड़ा जायेगा, नक्सल समस्या खत्म होने वाली नहीं है। उन्होंने सफाई दी की मध्य प्रदेश में नक्सल समस्या नहीं है। साथ ही अपनी सरकारी की उपलब्धियों का बखान करते हुए सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिल रहा है। किसानों को गेहूं पर 100 रुपये का बोनस दिया जा रहा है।
मप्र में गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी
ठ्ठ जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां कहा कि सरकारी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। गीता किसी एक धर्म, पंथ या मत का प्रतिनिधित्व नहीं करती, यह ज्ञान से परिपूर्ण है। इसके लिए समिति बनी है उसकी रिपोर्ट आने के बाद सरकार गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर सकती है। वह सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में बुधवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। पाठ्यक्रम में गीता को लागू करने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं जल्दबाजी में कुछ नहीं कहूंगा,क्योंकि धर्म व अध्यात्म को लेकर काफी हो हल्ला मचता है इसलिए रिपोर्ट आने के बाद विचार करके ही निर्णय लूंगा। गीता हमारी धरोहर है। इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। भाजपा के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी अच्छी स्थिति में है साथ ही उसका भविष्य भी अच्छा है। उत्तर प्रदेश में भी उसकी स्थिति मजबूत है और वही विकल्प है। आने वाले चुनाव में भाजपा की सरकार बनेगी। महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा के शासन काल में महंगाई पर अंकुश था। जनता को काफी राहत थी। केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ाने से विकास नहीं होने वाला है। सरकार को ऐसी योजना बनानी होगी जिससे गरीब जनता को ज्यादा से ज्यादा राहत मिल सके। पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों के बढ़ने से सभी सामान के दाम बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र और प्रदेश की सरकारों में तालमेल नहीं होगा तब तक महंगाई से जनता को राहत नहीं मिलने वाली है। आतंकवाद और नक्सलवाद पर चौहान ने कहा कि बंदूक के बल पर नक्सलवाद को समाप्त नहीं किया जा सकता है। जब तक गरीब आदिवासियों, गिरीवासियों को विकास की मुख्यधारा से नहीं जोड़ा जायेगा, नक्सल समस्या खत्म होने वाली नहीं है। उन्होंने सफाई दी की मध्य प्रदेश में नक्सल समस्या नहीं है। साथ ही अपनी सरकारी की उपलब्धियों का बखान करते हुए सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिल रहा है। किसानों को गेहूं पर 100 रुपये का बोनस दिया जा रहा है।

रेप के लिए रेपिस्ट से ज्यादा पीड़ित महिला जिम्मेदार




रेप के लिए रेपिस्ट से ज्यादा पीड़ित महिला जिम्मेदार होती हैं। यह सर्वे 18 से 24 साल की एक हजार महिलाओं के बीच किया गया है। सर्वे में शामिल 54 फीसदी महिलाओं ने कहा कि रेप के लिए रेपिस्ट से ज्यादा पीड़ित जिम्मेदार है। इनमें 24 फीसदी महिलाओं का कहना है कि शॉर्ट स्कर्ट पहनने के चलते रेपिस्ट उनकी तरफ आकर्षित होता है और उसका मनोबल बढ़ता है। इन महिलाओं का यह भी कहना है कि रेपिस्ट के साथ ड्रिंक और उसकth

बातचीत करना भी उसको रेप के लिए उकसाता है। इसलिए ये महिलाएं पीड़ित को रेप के जिम्मेदार ठहराती हैं। लगभग 20 फीसदी महिलाओं का मानना है कि अगर पीड़ित रेपिस्ट के घर जाती है तो वह कहीं ना कहीं रेप के लिए जिम्मेदार होती है। लगभग 13 फीसदी महिलाओं ने कहा कि रेपिस्ट के साथ उत्तेजक डांस और उसके साथ फ्लर्ट करना भी रेप के लिए थोड़ा बहुत उत्तरदायी है। इस सर्वे में एक और दिलचस्प बात सामने आई है कि एक तिहाई पुरुषों ने दावा किया है कि अगर अपने पार्टनर की इच्छा के खिलाफ वह सेक्स करते हैं, तो इसे वे रेप मानने के लिए तैयार नहीं है। सर्वे में एक और बात सामने आई है कि लगभग 20 फीसदी महिलाएं तो रेप की रिपोर्ट ही नहीं करती है। ये महिलाएं शर्म के चलते ऐसा नहीं करती हैं। चौंकानेवाली बात यह कि सरकार के तमाम दावों के बावजूद ब्रिटेन में सिर्फ 14 फीसदी रेप केसों में ही सजा मिल पाती है।

खुद पर लगे ठप्पे से बाहर निकलूंगा




नई दिल्ली। अभय देओल ने ओय लकी लकी ओय और देव डी जैसी फिल्मों के जरिए बॉलीवुड में एक अलग राह चुनी, लेकिन उन्हें अपने ऊपर लगे गैर वाणिज्यिक मुख्यधारा से बाहर रहने वाले अभिनेता के ठप्पे से खीझ होती है।
अभय ने वर्ष 2005 में अपनी पहली फिल्म सोचा ना था में रोमांटिक अभिनेता के रूप में फिल्मी सफर शुरू किया था। अभय ने बताया कि चूंकि वह अलग किस्म की फिल्मों का हिस्सा बनना चाहते हैं और फार्मूला फिल्मों के ढर्रे पर नहीं चलना चाहते हैं इसलिए इस छवि ने उन्हें नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने बताया, मैं वाणिज्यिक और गैर वाणिज्यिक ठप्पे को पसंद नहीं करता। जल्द ही आप कहेंगे कि यह फिल्म वाणिज्यिक नहीं है और आप उसका बाजार खत्म कर देंगे।
अभय ने कहा, जब लोग यह कहते हैं कि मैं मुख्यधारा का नहीं हूं या गैर वाणिज्यिक अभिनेता हूं, तब यह मुझे नुकसान पहुंचाता है। मैं इस तरह के ठप्पे से लड़ने की कोशिश करूंगा।

मोर्गन के शतक से इंग्लैंड जीता


मीरपुर। इओइन मोर्गन के नाबाद शतक के दम पर इंग्लैंड ने उतार चढ़ाव भरे दूसरे एक दिवसीय मैच में बांग्लादेश को दो विकेट से हराकर तीन एक दिवसीय मैचों की सीरीज में 2-0 की निर्णायक बढ़त हासिल कर ली।
बांग्लादेश ने विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम [76] और इमरूल काएस [63] के अर्धशतकों की मदद से छह विकेट पर 260 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया था जिसे जवाब में इंग्लैंड ने मोर्गन [नाबाद 110] के शतक की बदौलत सात गेंद शेष रहते आठ विकेट पर 261 रन बनाकर मैच जीत लिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरे इंग्लैंड ने एक समय 24वें ओवर तक सलामी बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक [60] सहित चार विकेट गंवा दिए थे लेकिन मोर्गन और मैट प्रायर [42] ने पांचवें विकेट के लिए 90 रन जोड़कर पारी को संवारा।
अब्दुर रज्जाक ने प्रायर को पगबाधा करके इस साझेदारी को तोड़ा। इंग्लैंड ने इसके बाद जल्दी जल्दी तीन विकेट और गंवाए लेकिन मोर्गन ने टीम को जीत दिला दी। उन्होंने 104 गेंद की अपनी धमाकेदारी पारी में आठ चौके और दो छक्के मारे।

नजरें स्वर्ण पदक पर



नई दिल्ली। बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता ने कहा कि विश्व रैंकिंग में मिडिलवेट [75 किग्रा] वर्ग के नंबर एक मुक्केबाज होने से दस मार्च से होने वाली राष्ट्रमंडल मुक्केबाजी चैंपियनशिप में उन पर कोई अतिरिक्त कोई दबाव नहीं होगा और उनकी नजरें स्वर्ण पदक पर ही टिकी है।
पटियाला में लगे शिविर में तैयारियों में जुटे विजेंदर हालांकि मानते हैं कि इंग्लैंड, कनाडा जैसे देशों के मुक्केबाज अच्छी चुनौती पेश करेंगे, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि घरेलू दर्शकों से मुक्केबाजों को फायदा मिलेगा। वह हालांकि विश्व रैंकिंग में नंबर एक स्थान से खुद पर पदक जीतने का दबाव महसूस नहीं कर रहे हैं और वह मानते हैं कि मुक्केबाजी में प्रतिद्वंद्वी की ताकत को कभी भी कमतर नहीं आंकना चाहिए। विजेंदर ने कहा, 'नंबर एक मुक्केबाज होने से चैंपियनशिप में कोई दबाव नहीं होगा। भारत में कई साल बाद मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है और घरेलू दर्शकों से सभी भारतीय मुक्केबाजों का उत्साहवर्धन होगा।'
पदक की संभावनाओं के बारे में विजेंदर ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि मैं दर्शकों और अपने देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरकर स्वर्ण पदक हासिल करूंगा।' चैंपियनशिप में 18 देशों के मुक्केबाजों से मिलने वाली चुनौती के बारे में उन्होंने कहा, 'अपने प्रतिद्वंद्वी को कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए, वरना अति आत्मविश्वास खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए मैं एक-एक बाउट पर अपना ध्यान लगाऊंगा।' उन्होंने और अन्य मुक्केबाजों ने तालकटोरा स्टेडियम में चैंपियनशिप के शुरू होने से पहले अभ्यास करने की इच्छा जताई थी और कहा था कि इससे उन्हें थोड़ा फायदा मिलेगा। लेकिन अब मुक्केबाजी दल रविवार तक दिल्ली पहुंचेगा।
हाल में चोट से उबरने वाले भिवानी के इस मुक्केबाज ने कहा, 'अगर हमें स्टेडियम पहले मिल गया होता तो बेहतर होता। हम स्टेडियम में रिंग पर थोड़ा अभ्यास कर लेते तो हमें रिंग का अहसास हो जाता। लेकिन हमारा मुख्य लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेल हैं और उससे पहले यह चैंपियनशिप हमें एक बेहतरीन मंच प्रदान करेगी।' विजेंदर ने भारत के 10 सदस्यीय दल से पदक की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'हम सभी यहां अच्छा अभ्यास कर रहे हैं और सभी की तैयारियां काफी अच्छी है। पदक के बारे में कहना मुश्किल होता है क्योंकि बाउट किस दिशा में चली जाए, कुछ भी नहीं कहा जा सकता।'

बुधवार, 3 मार्च 2010

विमान विस्फोट


'प्रमोद को बदनाम करने की साजिश है किताब'

'प्रमोद को बदनाम करने की साजिश है किताब'
मुंबई ।। बीजेपी के स्वर्गीय नेता प्रमोद महाजन के चरित्र पर सवाल उठाने वाले भाई प्रवीण ने हालांकि यह मा
ना है कि 1971 में पिता की मौत के बाद प्रमोद ने ही परिवार को पाला। प्रवीण ने कहा है, प्रमोद नायक और खलनायक दोनों थे। प्रवीण के आरोपों पर प्रमोद महाजन के परिवार की तरफ से बोलते हुए, तीनों भाइयों में सबसे छोटे प्रकाश महाजन ने कहा कि जो कुछ भी प्रवीण ने किताब में लिखा है, सब एक दिवंगत शख्स का चरित्र हनन और उन्हें गलत तरीके से पेश करने की कोशिश है। यह प्रमोद को उस व्यक्ति द्वारा बदनाम करने की राजनैतिक साजिश है, जिसने प्रमोद के सहारे अपनी पूरी जिंदगी गुजारी और उनकी मौत के बाद भी उन पर किताब लिखकर उनके सहारे जीना चाहता है। प्रकाश ने कहा कि मैं प्रमोद की पत्नी रेखा और उनके बच्चों पूनम और राहुल की तरफ से ये बातें कह रहा हूं। हम प्रवीण के खिलाफ मानहानि याचिका दायर करने के बारे में वकीलों से मशवरा करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्या यह जरूरी है क्योंकि पूरी किताब झूठ पर आधारित है। महाजन भाइयों के बहनोई गोपीनाथ मुंडे ने दावा किया कि जो कुछ भी सामने आया है, उसका जेल अधिकारियों ने सत्यापन नहीं किया है। मैं नहीं जानता कि यह कैसे जेल से बाहर आया। मैं मामले में गवाह हूं, इसलिए मेरा बोलना ठीक नहीं है। नागपुर में प्रवीण की पत्नी सारंगी ने कहा कि किताब में जो कुछ भी है, वह सब सचाई है लेकिन किसी को इसका राजनैतिक फायदा नहीं लेना चाहिए। किताब में लिखी बातों की मंशा किसी को आहत करने या बदनाम करने की नहीं है। प्रकाश महाजन ने किताब के कुछ अंशों का जिक्र किया, जिसमें प्रवीण ने लिखा है कि जब वह केवल नौ साल के थे, तब पिता की मौत के बाद परिवार पर क्या बीती। उन्होंने इसका जिक्र प्रवीण की बातों को गलत ठहराने के लिए किया। पत्रकारों के सवालों के जवाब में प्रकाश ने कहा कि प्रवीण किसी काम का नहीं था। उसने आजीविका चलाने के लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि उसके बच्चे भी परिवार के दूसरे सदस्यों से शिकायत करते थे। शादी के बाद प्रमोद के दूसरी महिला से रिश्तों के प्रवीण के आरोपों पर प्रकाश ने कहा कि प्रमोद का संबंध आरएसएस से था। अगर ये आरोप सही होते तो संघ परिवार ऐसे व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करता।
अमिताभ की गुलाम तीन पत्ती नवभारत टाइम्स 26 February 2010, 05:01am IST
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तीन पत्ती कलाकार : अमिताभ बच्चन , सर बेन किंग्सले , आर माधवन , शरद कपूर निर्माता : अंबिका हिंदूजा डायरेक्टर : लीना यादव संगीत : सलीम सुलेमान सेंसर सर्टिफिकेट : यू / ए अवधि : 209 मिनट हमारी रेटिंग :
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इस फिल्म की डायरेक्टर लीना यादव का नाम करीब पांच साल पहले आई फिल्म ' शब्द ' के साथ जुड़ा है। संजय दत्त और ऐश्वर्या रॉय जैसे नामी स्टार्स को लेकर लीना ने करीब पांच साल पहले भी एक नया प्रयोग किया था , लेकिन उस वक्त दर्शकों ने इसे स्वीकारा नहीं। हां , इस बार मामला कुछ बदला हुआ है , बेशक लीना ने फिर बिकाऊ स्टार कास्ट का सहारा लिया है लेकिन कहानी में कुछ नयापन भी पेश करने की कोशिश की है। दरअसल , बॉलिवुड में जुए को बेस बनाकर ढाई घंटे की फीचर फिल्म बनाने का ट्रेंड अभी पनप नहीं पाया है। हॉलिवुड में यही ट्रेंड बरसों से चल रहा है और पसंद किया जाता है । वहीं हमारे यहां बी , सी सेंटरों के अलावा छोटे शहरों के सिनेमाघरों में ऐसी फिल्म चलने के चांस कम होते है। कहानी : इस फिल्म की कहानी का प्लॉट दो साल पहले आई हॉलिवुड फिल्म 21 के काफी करीब है। जाने - माने मैथमेटिशन वेकंट सुब्रह्माण्यम ( अमिताभ बच्चन ) को शिकवा है कि उनकी इस आर्ट की कोई कद नहीं है। वेकंट ने जब भी अपनी गणित से जुड़ी कोई रिसर्च आला अधिकारियों को भेजी , हर बार उसे निराशा हाथ लगी। लेकिन वेकंट तीन पत्ती के खेल में खुद को परफेक्ट पाता है , हर बाजी को जीतने की आर्ट उसमें है। वेकंट के साथ कॉलेज का प्रोफेसर शांतनु बिश्वास ( आर माधवन ) और कॉलेज के कुछ ऐसे स्टूडेंट शामिल हैं जिन्हें रातोंरात पैसा बनाना है। भले ही वे सब पहली गेम में करोड़पति बन जाते हैं , लेकिन इसके बाद इनकी जिंदगी में भूचाल आ जाता है। स्क्रिप्ट : फिल्म की स्क्रिप्ट में कोई नयापन नहीं है। अच्छा होता कि लीना मुंबई और छोटे शहरों के बीच तेजी से पनपते जुए के अड्डों पर कोई ऐसी फिल्म बनाती जिसमें समाज के लिए कोई संदेश होता। वैसे , कहानी के आखिर में जुए को बुरा और इंसान को बर्बाद करने वाला गेम साबित करने की कोशिश की गई है , लेकिन डायरेक्टर का यह मेसेज आम दर्शक की समझ में इसलिए नहीं आ सकता कि क्योंकि सर बेन किंग्सले और बिग बी के बीच के सभी संवाद अंग्रेजी में हैं। एक्टिंग : इस फिल्म में बॉलिवुड और हॉलिवुड की दो ग्रेट हस्तियां है , लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि डायरेक्टर ने इनसे बेहतर काम लिया। बिग बी इससे पहले भी कई बार ऐसे लुक और रोल में नजर आए तो बाकी किसी कलाकार के हिस्से में ऐसा बड़ा रोल नहीं था जो कुछ कर पाता। हां , आर माधवन ने स्टार्स की लंबी चौड़ी भीड़ के बीच अपनी मौजूदगी का एहसास कराया है। शक्ति कपूर की बेटी श्रृद्धा कपूर ने इस फिल्म के साथ करियर की शुरुआत की लेकिन फिल्म में उसके करने के लिए कुछ था ही नहीं जो वह अपनी प्रतिभा दिखा पाती। संगीत : सलीम सुलेमान के संगीत में नयापन या मैलोडी नहीं है जो सुनने में अच्छी लगे। थोड़ा थोड़ा शबाब है , तेरी नीयत खराब है का फिल्मांकन अच्छा बन पड़ा है। डायरेक्शन : शब्द के करीब पांच साल बाद निर्देशन में लौटी लीना ने एकबार फिर निराश किया। सेक्सी दृश्यों और बेवजह के एक्शन सीन कहानी में फिट करने के चलते स्क्रिप्ट से भटक गईं। क्यों देखें : अगर तीन पत्ती के शौकीन हैं और किसी हारी हुई बाजी को जीतने की जुगाड़ में लगे हैं तो यह फिल्म आपके लिए हो सकती है। चंद्र मोहन शर्मा

फिल्म : क्लिक

फिल्म : क्लिक कलाकार : श्रेयस तलपडे , चंकी पांडे , स्नेहा उल्लाल , सदा निर्माता : प्रीतिश नंदी कम्यूनिकेशन निर्देशक : संगीत सिवान संगीत : शमीर टंडन सेंसर सर्टिफिकेट : ए ( केवल वयस्कों के लिए ) अवधि : 131 मिनट। हमारी रेटिंग :
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कभी भूत - प्रेत और भटकती आत्माओं या जादू टोने पर बनने वाली फिल्मों को सी क्लास सेंटरों की फिल्मों की कैटिगरी में रखा जाता था। दरअसल , 70, 80 के दशक में रामसे ब्रदर्स बैनर की फिल्मों के बीच जानी दुश्मन जैसी ऐसी फिल्में आई जिनकी कहानी इन्हीं तक सिमटी रही। राम गोपाल वर्मा ने जब हॉरर फिल्में बनाई तो डरावने और वीभत्स चेहरे स्क्रीन पर नहीं थे बल्कि उनकी जगह साउंड और लेटेस्ट तकनीक ने ली और इन फिल्मों के दर्शक हर छोटे बड़े शहर में मिलने शुरू हुए। इस फिल्म की कहानी भी भटकती आत्मा और उसके इंतकाम से जुड़ी है , लेकिन कैमरे और लेटेस्ट तकनीक के बेहतर इस्तेमाल ने इस कहानी को सी क्लास हॉरर फिल्मों से अलग श्रेणी में लाकर रख दिया है। कहानी : फिल्म शुरू होती है फैशन फोटो शूट से। मॉडल सोनिया ( सदा ) अपने प्रेमी बॉयफेंड अवि ( श्रेयस तलपडे ) के घर में एक मैगजीन के लिए फोटो शूट में बिजी हैं। स्कूल ऑफ आर्ट से डिप्लोमा लेने के बाद अवि ने फैशन फोटोग्राफर का करियर चुना और अब जानामाना कैमरामैन है। एक अंधेरी रात में शूट के बाद सदा और अवि कार से किसी सुनसान जगह से गुजरते हैं। सोनिया कार ड्राइव कर रही है , अचानक कार से एक महिला टकराती है और कार एक बोर्ड से टकराकर रुक जाती है। सोनिया पीछे देखती है सड़क पर महिला बेहोश हालत में पड़ी है , सोनिया उसे अस्पताल ले जाना चाहती है लेकिन अवि पुलिस के पचड़े से बचना चाहता है और सोनिया को वापस चलने को कहता है। सड़क पर घायल महिला को छोड़ दोनों वहां से चले जाते है। यहीं से इनकी खुशहाल जिंदगी बदहाल हो जाती है। हर रात कोई छुपा साया सोनिया का पीछा करता है तो अवि द्वारा खींची गई हर फोटो में भी एक अनजान साया दिखाई देता है। इस बीच अवि के तीन खास दोस्तों की हत्या हो जाती है। खौफ और हर पल मौत के साये में जिंदगी गुजर रही सोनिया इस साये की सचाई तक जाने का फैसला करती है इसके बाद ऐसा सच सामने आता है जो सोनिया को अवि का एक और चेहरा दिखाता है। ऐक्टिंग : श्रेयस तलपड़े कैमरामैन के रोल में फिट है , श्रेयस ने अपने रोल को असरदार करने के लिए अच्छी खासी मेहनत की है। श्रेयस के सिवा फिल्म में बाकी सबने तो बस अपना रोल निभा भर दिया है। स्नेहा उल्लाल को अच्छा रोल तो मिला , लेकिन रोल में जान डालने में कामयाब नहीं रही। वहीं सदा भी जब स्क्रीन पर आई बस डरा डरा मुरझाया चेहरा ही दिखाती नजर आई। संगीत : ऐसी फिल्मों में गाने रुकावट बनकर रह जाते है। कुछ यही हाल इस फिल्म में भी है गाने अच्छे और कर्णप्रिय है , लेकिन स्क्रिप्ट में उनके लिए गुंजाइश नहीं थी , सो चम चम चांद सा चेहरा , यादें याद आती है , मेरी जान जाती है जैसे अच्छे गाने भी असर नहीं छोड़ पाते। निर्देशन : कैमरामैन से डायरेक्टर बने संगीत की कैमरे पर गजब पकड़ है , इसके बावजूद फोटोग्राफी साधारण है और आधी से ज्यादा फिल्म को ना जाने क्यों ब्लू या डॉर्क में शूट किया गया है। इंटरवल से पहले दर्शकों को डराने के लिए उन्होंने क्या कुछ नहीं किया लेकिन दर्शक डरने की बजाय हंसते नजर b: अगर आप भूत - प्रेत और इंतकाम के लिए भटकती आत्माओं में यकीन रखते है। तो अपने यकीन को पदेर् पर देखने की चाह में एकबार जा सकते है।

प्रीति जिंटा को 5 घंटे थाने में बिठाए


प्रीति जिंटा को 5 घंटे थाने में बिठाए
मुंबई।। बॉलिवुड ऐक्ट्रेस प्रीति जिंटा ने मुंबई पुलिस के विरुद्ध खासी नाराजगी जताई है।
पुलिस पर पूरा भरोसा है और वह न्याय मिलने का इंतजार करेंगी। प्रीति की नाराजगी की वजह यह है कि वह एक शिकायत दर्ज कराने गई थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें 5 घंटे तक थाने में बिठाए रखा पर उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की। इससे परेशान प्रीति ने ट्विटर नेटवर्किंग साइट के जरिए मुंबई पुलिस के प्रति अपनी नाराजगी जताई है। इस खूबसूरत एक्ट्रेस का कहना है कि वह एक आम आदमी की तरह अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहती थीं। वरना वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी बात को सभी तक कहीं और अधिक आसानी से पहुंचा सकती थीं।


और स्टोरीज़ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंपर आखिर प्रीति की शिकायत क्या है? पता चला है कि शिकायत गुजरे जमाने के मशहूर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर कमाल अमरोही की प्रॉपर्टी को लेकर है। जोगेश्वरी विक्रोली लिंक रोड पर कमाल अमरोही का स्टूडियो है। इसके मालिकाना हक को लेकर कमाल अमरोही के बेटों में मुकदमा चल रहा है। प्रीति ने इस स्टूडियो में भी पैसा लगा रखा है। वह कमाल के एक बेटे शानदार अमरोही को सपोर्ट कर रही हैं। इसी सिलसिले में वह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गई थीं कि शानदार अमरोही को दूसरे पक्ष की ओर से जो धमकियां मिल रही हैं उस पर पुलिस कार्रवाई करे। प्रीति ने लिखा है, 'एक सामान्य नागरिक की तरह मैं थाने में गई। पुलिस ने मुझे 5 घंटे तक बिठाए रखा, चाय पिलाती रही, पर एफआईआर नहीं दर्ज की। पुलिस का कहना है कि यह सरासर दीवानी मामला है, इसमें वे कुछ नहीं कर सकते। अगर मामला फौजदारी का होता तो वे फौरन मामला दर्ज कर लेते। उधर खार पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर विश्वनाथ ने सान्ध्य टाइम्स को बताया कि प्रीति जिन्टा उनके थाने में आई थीं। वह सीधे बड़े साहब के पास चली गईं। वहां उनसे क्या बात हुई यह उन्हें नहीं पता।

वे नौ महीने: क्या करें,

ईश्वर हर जगह नहीं
हो सकता , इसलिए उसने मां बनाई ... यह कहावत जितनी सच है , उतना ही बड़ा सच यह भी है कि किसी महिला को मां के दर्जे तक पहुंचाने वाले नौ महीने बेशकीमती होते हैं। इन नौ महीनों में वह क्या सोचती है , क्या खाती है , क्या करती है , क्या पढ़ती है , ये तमाम चीजें मिलकर आनेवाले बच्चे की सेहत और पर्सनैलिटी तय करती हैं। इन नौ महीनों को अच्छी तरह प्लान करके कैसे मां एक सेहतमंद जिंदगी को जीवन दे सकती है , एक्सपर्ट्स से बात करके बता रही हैं प्रियंका सिंह : मां बनने की सही उम्र मां बनने के लिए 20-30 साल की उम्र सबसे सही होती है , लेकिन आजकल बड़ी संख्या में महिलाएं करियर की वजह से 32-33 साल की उम्र में मां बनना पसंद कर रही हैं। उन्हें अपना ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। शुरू से ही किसी अच्छी गाइनिकॉलजिस्ट की देखरेख में रहें। 35 साल के बाद बच्चा प्लान करने से मां और बच्चा , दोनों को दिक्कतें आ सकती हैं। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में मेडिकल प्रॉब्लम जैसे कि हाइपरटेंशन , ब्लडप्रेशर , डायबीटीज आदि की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में गर्भधारण करने में परेशानी आने के अलावा बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। बच्चे में डाउंस सिंड्रोम ( मंगोल बेबी ) हो सकता है , यानी बच्चे का मानसिक विकास गड़बड़ाने का खतरा होता है। डिलिवरी के वक्त भी मुश्किल हो सकती है। पहले से रहें तैयार अगर आप बच्चा प्लान कर रही हैं तो कम - से - कम तीन - चार महीने पहले से शारीरिक और मानसिक तौर पर खुद को तैयार करना शुरू कर दें। उसी के मुताबिक खानपान का ध्यान रखें , भरपूर नींद लें और स्ट्रेस लेवल कम रखें। कोशिश करें कि सामान्य से वजन न बहुत ज्यादा हो , न बहुत कम। प्राणायाम और योगासन करें। इससे तन और मन , दोनों शांत रहेंगे और गर्भधारण में आसानी होगी। प्री - कंसेप्शनल काउंसलिंग : गर्भधारण करने से पहले काउंसलिंग ( प्री - कंसेप्शनल काउंसलिंग ) कराना अच्छा रहता है। इसके लिए पति - पत्नी दोनों को डॉक्टर के पास जाना चाहिए। काउंसलिंग के अलावा डॉक्टर पति - पत्नी के कुछ टेस्ट भी करवाते हैं , जैसे कि ब्लड टेस्ट , शुगर टेस्ट , हीमोग्लोबिन टेस्ट आदि। अगर माता - पिता को कोई बीमारी है तो इन टेस्ट में उसकी जानकारी मिल जाती है। मसलन , अगर पति आरएच (Rh+) पॉजिटिव और पत्नी आरएच नेगेटिव (Rh-) हो और दूसरा बच्चा प्लान कर रहे हों ( पहले बच्चे को कोई दिक्कत नहीं होगी ) तो बच्चे को एनीमिया , पीलिया या हाइड्रॉप्स फिटालिस ( बच्चे का शरीर सूजा और पानी भरा ) हो सकता है। पहले से जानकारी मिलने पर इंजेक्शन लगाकर बच्चे को बीमारी से बचाया जा सकता है। पहले बच्चे को इस तरह की बीमारी अनीमिया , हाइपोथायरॉडिज्म , कैलशियम की कमी जैसी समस्याओं के अलावा फैमिली में किसी बीमारी की हिस्ट्री रही है तो पहले से जानकारी मिलने पर इलाज आसान होता है। थैलसीमिया से पीड़ित होने पर अबॉर्शन कराना ही बेहतर रहता है। अगर बच्चे के लिए पहले से तैयार हैं तो उसके अचानक आ जाने का तनाव भी नहीं होगा।

सचिन के बारे में जो आप नहीं जानते

- फैसलाबाद टेस्ट में इमरान खान की इनस्विंगर जिसपर सचिन आउट हुए , उसके लिए सचिन ने कहा ,' फुट भर आत आला ' यानी एक फीट अंदर आई ... - सचिन को गु्स्सा भी आता है। अपनी इच्छा के खिलाफ परिवार के साथ फोटो खींचने के लिए एक पत्रकार को सचिन ने खूब लताड़ा था - सचिन जब छोटे थे तब उन्हें क्रिकेट के आंकड़ों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी - पहली बार किसी अखबार को इंटर्वयू एक ईरानी रेस्त्रां में बैठकर दिया था - पत्रकारों के फोन कॉल से परेशान होकर एक बार उन्होंने उसी कॉलनी में एक दोस्त के घर फिल्में देखकर कई दिन बिताए - उनकी पसंदीदा फिल्म है ' जाने भी दो यारो ' - सचिन को ऐक्शन फिल्में काफी पसंद हैं - रणजी , ईरानी और दलीप ट्रॉफी में अपने पहले मैचों में ही शतक जड़े थे सचिन ने - परंपरागत पोशाक शायद ही कभी पहनते हैं - सचिन फॉर्म्युला वन के शौकीन हैं और माइकल शुमाकर के फैन हैं - अमिताभ ने सचिन को ' देश की धड़कन ' बताया था - सचिन खाने के काफी शौकीन हैं। सलिल अंकोला के साथ वह ज्यादा खाने की शर्त लगाते थे और हमेशा जीत जाते थे - एक ऐसा भी वक्त था जब सचिन एक ही बार में 8 वड़ा पाव खा सकते थे - भारत और न्यूजीलैंड के बीच 1989-90 में नेपियर टेस्ट में जॉन राइट ने 88 के स्कोर पर उनका कैच लपका और सचिन सबसे कम उम्र में टेस्ट सेंचुरी लगाने से चूक गए - सचिन पहले फास्ट बोलर बनना चाहते थे और इसके लिए MRF पेस एकैडमी भी गए जहां डेनिस लिली ने उनसे बोलिंग की बजाय बैटिंग पर ध्यान देने के लिए कहा - सचिन टेबल टेनिस खेलते हैं , दोनों हाथों से खेल सकते हैं और टूअर पर जाते हैं तो अपना रैकेट साथ ले जाते हैं - सचिन को अपनी मां के हाथ का बना खाना बहुत पसंद है , खासकर मछली - सचिन कभी-कभी अपने स्कूल शारदा आश्रम की टीम के लिए बोलिंग की शुरुआत करते थे - सचिन के किट बैग में उनकी बेटी साराह और अर्जुन द्वारा बनाया एक कॉर्ड रहता है जिस पर लिखा है ' ऑल द बेस्ट पापा ' । - सचिन आज भी अपनी मां रजनी के पांव छुए बगैर घर से नहीं निकलते। - सचिन के पास 50 से अधिक घडि़यों की क्लेक्शन है जिनमें देशी और विदेशी दोनों शामिल हैं। - सचिन को पतंग उड़ाने का शौक है। - दिल्ली आने पर बटर चिकन और दाल बुखारा खाना नहीं भूलते। जब मुंबई में रहते हैं तो वड़ा पाव खाना पसंद करते हैं। - उनको लॉफ्टर चैलेंज में राजू श्रीवास्तव की परफॉमेर्ंस बहुत अच्छी लगती है।