'प्रमोद को बदनाम करने की साजिश है किताब'
मुंबई ।। बीजेपी के स्वर्गीय नेता प्रमोद महाजन के चरित्र पर सवाल उठाने वाले भाई प्रवीण ने हालांकि यह मा
ना है कि 1971 में पिता की मौत के बाद प्रमोद ने ही परिवार को पाला। प्रवीण ने कहा है, प्रमोद नायक और खलनायक दोनों थे। प्रवीण के आरोपों पर प्रमोद महाजन के परिवार की तरफ से बोलते हुए, तीनों भाइयों में सबसे छोटे प्रकाश महाजन ने कहा कि जो कुछ भी प्रवीण ने किताब में लिखा है, सब एक दिवंगत शख्स का चरित्र हनन और उन्हें गलत तरीके से पेश करने की कोशिश है। यह प्रमोद को उस व्यक्ति द्वारा बदनाम करने की राजनैतिक साजिश है, जिसने प्रमोद के सहारे अपनी पूरी जिंदगी गुजारी और उनकी मौत के बाद भी उन पर किताब लिखकर उनके सहारे जीना चाहता है। प्रकाश ने कहा कि मैं प्रमोद की पत्नी रेखा और उनके बच्चों पूनम और राहुल की तरफ से ये बातें कह रहा हूं। हम प्रवीण के खिलाफ मानहानि याचिका दायर करने के बारे में वकीलों से मशवरा करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्या यह जरूरी है क्योंकि पूरी किताब झूठ पर आधारित है। महाजन भाइयों के बहनोई गोपीनाथ मुंडे ने दावा किया कि जो कुछ भी सामने आया है, उसका जेल अधिकारियों ने सत्यापन नहीं किया है। मैं नहीं जानता कि यह कैसे जेल से बाहर आया। मैं मामले में गवाह हूं, इसलिए मेरा बोलना ठीक नहीं है। नागपुर में प्रवीण की पत्नी सारंगी ने कहा कि किताब में जो कुछ भी है, वह सब सचाई है लेकिन किसी को इसका राजनैतिक फायदा नहीं लेना चाहिए। किताब में लिखी बातों की मंशा किसी को आहत करने या बदनाम करने की नहीं है। प्रकाश महाजन ने किताब के कुछ अंशों का जिक्र किया, जिसमें प्रवीण ने लिखा है कि जब वह केवल नौ साल के थे, तब पिता की मौत के बाद परिवार पर क्या बीती। उन्होंने इसका जिक्र प्रवीण की बातों को गलत ठहराने के लिए किया। पत्रकारों के सवालों के जवाब में प्रकाश ने कहा कि प्रवीण किसी काम का नहीं था। उसने आजीविका चलाने के लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि उसके बच्चे भी परिवार के दूसरे सदस्यों से शिकायत करते थे। शादी के बाद प्रमोद के दूसरी महिला से रिश्तों के प्रवीण के आरोपों पर प्रकाश ने कहा कि प्रमोद का संबंध आरएसएस से था। अगर ये आरोप सही होते तो संघ परिवार ऐसे व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करता।
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