
नई दिल्ली। अभय देओल ने ओय लकी लकी ओय और देव डी जैसी फिल्मों के जरिए बॉलीवुड में एक अलग राह चुनी, लेकिन उन्हें अपने ऊपर लगे गैर वाणिज्यिक मुख्यधारा से बाहर रहने वाले अभिनेता के ठप्पे से खीझ होती है।
अभय ने वर्ष 2005 में अपनी पहली फिल्म सोचा ना था में रोमांटिक अभिनेता के रूप में फिल्मी सफर शुरू किया था। अभय ने बताया कि चूंकि वह अलग किस्म की फिल्मों का हिस्सा बनना चाहते हैं और फार्मूला फिल्मों के ढर्रे पर नहीं चलना चाहते हैं इसलिए इस छवि ने उन्हें नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने बताया, मैं वाणिज्यिक और गैर वाणिज्यिक ठप्पे को पसंद नहीं करता। जल्द ही आप कहेंगे कि यह फिल्म वाणिज्यिक नहीं है और आप उसका बाजार खत्म कर देंगे।
अभय ने कहा, जब लोग यह कहते हैं कि मैं मुख्यधारा का नहीं हूं या गैर वाणिज्यिक अभिनेता हूं, तब यह मुझे नुकसान पहुंचाता है। मैं इस तरह के ठप्पे से लड़ने की कोशिश करूंगा।
अभय ने वर्ष 2005 में अपनी पहली फिल्म सोचा ना था में रोमांटिक अभिनेता के रूप में फिल्मी सफर शुरू किया था। अभय ने बताया कि चूंकि वह अलग किस्म की फिल्मों का हिस्सा बनना चाहते हैं और फार्मूला फिल्मों के ढर्रे पर नहीं चलना चाहते हैं इसलिए इस छवि ने उन्हें नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने बताया, मैं वाणिज्यिक और गैर वाणिज्यिक ठप्पे को पसंद नहीं करता। जल्द ही आप कहेंगे कि यह फिल्म वाणिज्यिक नहीं है और आप उसका बाजार खत्म कर देंगे।
अभय ने कहा, जब लोग यह कहते हैं कि मैं मुख्यधारा का नहीं हूं या गैर वाणिज्यिक अभिनेता हूं, तब यह मुझे नुकसान पहुंचाता है। मैं इस तरह के ठप्पे से लड़ने की कोशिश करूंगा।
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