शुक्रवार, 5 मार्च 2010
स्पेन को आंकने में हुई गलती
अपनी टीम को इस तरह हारते देख बहुत दुख हुआ। विश्व कप में इस हार के साथ ही भारतीय टीम का सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें खत्म हो गई। स्पेन के खिलाफ 5-2 से हार के बावजूद मैं दावे के साथ कह सकता हूं हमारी टीम ने इस यूरोपीय टीम को हराने की क्षमता थी। गोलकीपर की छोटी से गलती ने स्पेन को हावी होने का मौका दे दिया। गोलकीपर ने पोल से थोड़ी दूरी बनायी जो टीम को काफी महंगी पड़ी। स्कोर भले की भारतीय टीम की दुर्दशा बयां कर रहा हो, लेकिन यह बदल सकता था अगर मेजबानों ने पहले से स्पेन के खिलाफ पुख्ता तैयारी की होती। यहां मैं कोच की रणनीति पर भी टिप्पणी करना चाहूंगा जिन्होंने इस यूरोपीय टीम को आंकने में गलती की। शुरूआत में भारत ने स्पेन को काफी ओपनिंग दी जिससे उन्हें अटैक करने का मौका मिला। जिन संदीप सिंह के सहारे भारत विश्व कप की नैया पार करने की सोच रहा था वह फ्लाप साबित हो रहे हैं। ड्रैग फ्लिक की छोड़े वह डिफेंस भी कमजोर नजर आये। डिफेंस बुरी तरह चरमराया हुआ था। हालांकि टीम ने 4-4-2 की नीति अपनायी हुई थी लेकिन फिर भी स्पेनी खिलाड़ी आसानी के साथ हमारी डी में टहल रहे थे। फारवर्ड लाइन में करंट नजर नहीं आया। मूव तो बने लेकिन उनमें तेजी नहीं दिखी। शिवेंद्र की कमी साफ खल रही थी। वैसे इस हार की कई और वजह भी हैं। भारतीय टीम ने काफी समय से स्पेन और दूसरीयूरोपीय टीमों के खिलाफ मैच नहीं खेला है। इसलिए इन टीमों की क्षमता से हमारे खिलाड़ी वाकिफ ही नहीं है। मैदान पर इसका फर्क दिखायी भी पड़ा।
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