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रविवार, 28 मार्च 2010

मासूमों की भी न सोची



जयपुर। प्रेमी के साथ जहर खाने वाली ममता ने शनिवार को अस्पताल में दम तोड दिया। उसके प्रेमी महीपाल की शुक्रवार देर रात ही मौत हो गई थी। पति की हत्या के बाद सात साल से दो बच्चों की देखभाल कर रही ममता की मौत से दो मासूमों के भविष्य पर तो सवाल खडा हो ही गया है वहीं, ममता को भी अपनों का कांधा नसीब नहीं होगा। ससुराल व पीहर पक्ष दोनों ही उसका शव लेने से इनकार कर रहे हैं।
मुहाना थानाधिकारी ने बताया कि मूलत: अजीतगढ के नारे गांव की ममता शेखावत (27) की शादी नीम का थाना निवासी बहादुर सिंह से हुई। सात साल पहले पारिवारिक विवाद में बहादुर की हत्या हो गई। पति की मौत के एक साल बाद ममता अपने दोनों बच्चों को लेकर पीहर चली आई। पांच साल पीहर में रहने के दौरान उसका सम्पर्क दिवराला निवासी महीपाल सिंह राठौड से हुआ और दोनों मुहाना थाना इलाके के मदरामपुरा में रहने लगे।
तीसरे से हुई परेशानीइस दौरान ममता की पहचान मदरामपुरा निवासी लालचंद कुमावत (28) से हुई जिसे उसने धर्म भाई बनाया। पुलिस के मुताबिक महीपाल व ममता में लालचंद को लेकर झगडा होता था। शुक्रवार को भी दोनों के बीच झगडा हुआ तो उन्होंने लालचंद को बुलाया। शराब के नशे में धुत लालचंद अपने साथ सेल्फॉस की गोलियां लेकर आया। पुलिस के मुताबिक लालचंद ने झगडे से तंग आकर मरने की बात कहते हुए एक गोली निगल ली। इस पर ममता व महीपाल ने भी उसके हाथ से छीनकर बाकी गोलियां खा लीं।
ये बच गया, वो मर गएअत्यधिक शराब पिए लालचंद को गोली निगलते ही उल्टी हो गई। ममता व महीपाल को 108 एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने महीपाल को मृत घोषित कर दिया और ममता ने शनिवार सुबह 7 बजे दम तोड दिया। पुलिस ने अस्पताल में भर्ती लालचंद के खिलाफ आत्महत्या का प्रयास व खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
ममता की मौत के बाद उसके बच्चों राहुल (9) व रोहन (7) के भविष्य को लेकर सवाल खडा हो गया है। अब तक दोनों बच्चे ममता के साथ ही रह रहे थे। दो दिन से दोनों बच्चों को पडोसी संभाल रहे है, लेकिन सवाल उठता है आखिर कब तक।

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