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मंगलवार, 15 जनवरी 2013

What will you contribute to our college?" This question is asking for some vital information. The admissions folks will admit you if they think you can handle the work and if they think you will enrich the campus community. This question is asking you to explain how you will make the college a better place.
It may be tempting to answer this question by commenting on your character: "I'm hard working"; "I like to be challenged"; "I'm a perfectionist"; "I'm good at managing my time." While these answers suggest you have positive personal qualities, they don't actually answer the question. They don't explain how your presence will enrich the campus community.
The question asks about the community, so your answer should be community oriented. Think in terms of your hobbies and passions. What are you likely to be doing outside the classroom when you are in college? Are you likely to be serenading your classmates as a member of the acappella group? Are you hoping to start a D-League intramural hockey team for students who have never skated before? Are you the student who will be baking brownies in the dorm kitchen at 2 a.m.? Do you have ideas for a new recycling program that you think would benefit the college? Are you bringing your camping gear to college and looking forward to organizing outings with classmates?
In short, think about how you see yourself interacting with your classmates and other community members. The admissions officers have your grades and test scores, so they know that you are a good student. This question is your opportunity to show that you can think outside of yourself. A good answer illustrates ways in which you will enhance the college experience of those around you.
Improve Your Chances

शनिवार, 12 जनवरी 2013


रेप पीड़ित से शादी कर सब-इंस्पेक्टर ने पेश की मिसाल

अहमदाबाद। आप किसी फिल्म में ही देखे होंगे की किसी लड़की के साथ रेप हुआ हो और किसी ने उसे अपनाकर मिसाल पेश की हो। जबकि कहानी को हकीकत में बदलने की हिम्मत शायद ही किसी में हो लेकिन आपको बता दें कि गुजरात के एक सब-इंस्पेक्टर ने रेप पीड़िता से शादी कर एक मिसाल पेश की। यह बात भले ही 30 साल पहली की हो। लेकिन उन्होंने आज तक एहसास नहीं होने दिया कि उस लड़की को अपना जीवन साथी बनाकर कोई एहसान किया है। अक्सर दुष्कर्म की घटनाओं के मामलों में पुलिसवालों को उनकी लापरवाही के लिए अक्सर कोसा जाता है।
इस तरह हुई शादी
जूनागढ़ के एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ पांच लोगों ने दुष्कर्म किया था। लड़की के साथ उसके घरवालों को लगा कि अब उसका कभी भी घर नहीं बसेगा। यही सवाल लड़की ने मामले की जांच में गये पुलिस सब-इंस्पेक्टर से पूछा कि साहब अब मुझसे कौन शादी करेगा? उसकी बात सब-इंस्पेक्टर के दिल को झकझोर दिया। सब-इंस्पेक्टर ने उस लड़की से शादी करने का फैसला किया। ऐसा कर उसने पुलिसवालों के लिए नायाब मिसाल पेश की। आज दोनों खुशहाल पारिवारिक जीवन बिता रहे हैं। पुलिस सब-इंस्पेक्टर भी आज डीएसपी बन गए हैं। दिल्ली गैंग रेप की घटना के बीच चल रही बहस में यह लोगों को कुछ ठोस पहल करने की प्रेरणा देती है।
फैसला था मुश्किल
डीएसपी साहब का कहना है कि यह निर्णय अपने घरवालों को बताया, तो वे चौंक गए। एक राजपूत परिवार में दलित बहू उन्हें मंजूर नहीं थी, वह भी रेप पीड़ित। लेकिन उन्होंने लड़की से मंदिर में शादी की। उनकी पत्नी का कहना है कि मेरे पति ने मुझे समाज में स्थान दिलवाया। उन्होंने कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि मुझ पर किसी तरह का एहसान किया है।

बुधवार, 9 जनवरी 2013

नई दिल्ली। पिछले नौ वर्षो से रेल किराए में बढ़ोतरी न होने बाद अब आप अगले साल मार्च से बढ़े किराये पर रेल सफर करने के लिए तैयार हो जाइए। केंद्र सरकार ने इसके लिए समयसीमा तय करते हुए स्वतंत्र टैरिफ नियामक बनाने सहित कई अहम कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरुवार को रेलवे में कई वर्षो से उपेक्षित सुधार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए हरी झंडी दिखा दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] ने किराया तय करने के लिए स्वतंत्र टैरिफ नियामक बनाने के साथ कई वर्षो से लटके प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के लिए एक निश्चित समयसीमा निर्धारित कर दी है।
प्रधानमंत्री ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता वाली अंतर-मंत्रालयी समूह [आइएमजी] से 31 दिसंबर तक टैरिफ नियामक के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है। लोगों के दवाब में पिछले नौ वर्षो से रेल किराया न बढ़ाए के बाद यह नियामक यात्रा किराये में आवश्यक वृद्धि को लेकर अपनी सलाह देगा। पीएमओ नियामक स्थापित करने के लिए 15 जनवरी 2013 तक कैबिनेट नोट कर देगा।
गौरतलब है कि रेल मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद पवन कुमार बंसल ने रेलवे की माली हालत को देखते हुए यात्री किराए में बढ़ोतरी को आवश्यक बताया था। प्रस्ताव में डीजल और बिजली की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए भी किराया बढ़ाए जाने की सिफारिश की गई थी।
रेल में सुरक्षा और आधुनिकीकरण के प्रयासों को मूर्त रूप देने के लिए फंड की काफी कमी है। ऐसे में सरकार के पास किराया बढ़ाने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था।
गठबंधन की राजनीति के कारण कई वर्षो तक रेल मंत्रालय क्षेत्रीय दलों के पास होने के कारण 2002-03 के बाद से यात्रा किराए में वृद्धि नहीं की थी जिसके कारण रेलवे को सालाना 24 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पीएमओ ने इसके साथ ही लंबे समय से अधूरा पड़े कई प्रोजेक्टों को पीपीपी [पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप] के आधार पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसमें मधेपुरा-मरहोरा लोको फैक्टरी और मुंबई रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट शामिल
Rail fares to go up from Jan 21
21 जनवरी से महंगा होगा रेल का सफर
नई दिल्ली। रेल यात्रियों के लिए अब रेलवे का सफर महंगा होने जा रहा है। रेलमंत्री पवन बंसल ने बुधवार को रेल किराये में बढ़ोतरी का एलान किया। यह बढ़ोतरी 21 जनवरी के मध्य रात्रि से लागू हो जाएगा। बंसल ने कहा कि 10 साल से रेल किराया नहीं बढ़ा है। इसलिए भाड़े में मामूली वृद्धि की जा रही है।
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के स्लीपर क्लास में 6 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ेगा। सेकेंड क्लास में दो पैसे प्रति किलोमीटर रेल भाड़े का इजाफा होगा। एसी प्रथम क्लास में प्रति किलोमीटर 10 पैसे किराए में इजाफा होगा। जबकि एसी-3 में 3 पैसा प्रति किलोमीटर का किराया बढ़ेगा। एसी चेयरकार में 10 पैसा प्रति किलोमीटर का इजाफा किया जाएगा। सेकेंड क्लास का किराया 2 पैसे/प्रति किराया बढ़ाया गया है।
बंसल ने संवाददाताओं को बताया कि बजट के दौरान रेल भाड़े में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि रेलवे का खर्चा बढ़ा, लेकिन किराया अब तक नहीं बढ़ाया गया था। इसलिए रेल किराया बढ़ाने की जरूरत है।
बढ़ा हुआ किराया इस प्रकार है:-
-स्लीपर क्लास-6 पैसे प्रति किमी
-एसी 3-3 पैसे प्रति किमी
-एसी सेकेंड क्लास-2 पैसे प्रति किमी
-एसी चेयरकार-10 पैसे प्रति किमी।

UPTET : 72824 पदों के लिए 72 लाख आवेदन


UPTET : 72824 पदों के लिए 72 लाख आवेदन

लखनऊ (एसएनबी)। सूबे के परिषदीय स्कूलों में तदर्थ शिक्षकों के रिक्त 72824 पदों के लिए सोमवार तक करीब 72 लाख से ज्यादा आवेदन पत्र भेजे गये। अब ऑन लाइन फार्म की स्क्रीनिंग की जाएगी। इस बार फार्म में गलतियों की भरमार है। लाखों की संख्या में फार्म रद होने की आशंका है। सोमवार आधी रात के बाद टीईटी उत्तीर्ण बीएड अभ्यर्थियों के लिए आवेदन पत्र भेजने का मौका खत्म हो गया। अब साइट कोई अर्जी स्वीकार नहीं करेगी। आवेदन पत्र जमा करने के लिए पहले 31 दिसम्बर तक मौका दिया गया था, बाद में सरकार ने सात दिनों के लिसमय और बढ़ा दिया। सोमवार आधी रात को यह अवधि भी पूरी हो गयी। टीईटी के जरिये बेसिक शिक्षा परिषद ने भले ही बड़ी कमाई की हो, लेकिन प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा इसको ठीक नहीं मानते। प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने कहा कि जब अर्ह अभ्यर्थियों की संख्या ही ढाई लाख है तो फिर आवेदकों की यह भारी संख्या आखिर कहां से आ गयी सूत्रों का कहना है कि आवेदकों की यह भारी भीड़ परिषद की मुसीबत बढ़ा सकती है। पिछले वर्ष इतने ही पदों के लिए साढ़े सात लाख आवेदन आये थे और परिषद के पास अभ्यर्थियों का करीब 37 करोड़ रुपये आवेदन शुल्क का अभी बकाया है। इसको लौटाने पर सहमति बनी थी, लेकिन इस बार तो आवेदन के सारे रिकार्ड टूट गये। सूत्रों का कहना है कि 72 लाख से ज्यादा आवेदन आये हैं, आरक्षित वर्ग को छोड़ ओबीसी व सामान्य के लिए फीस 500 रुपये प्रति आवेदन रखी गयी थी। चयन एक ही आवेदन पत्र पर होगा, ऐसे में अन्य जिलों की धनराशि नहीं लौटायी जाएगी। तदर्थ शिक्षक पद के लिए आवेदन करने वाले एक अभ्यर्थी ने बताया कि जब सभी कुछ मेरिट से होना है तो वह आवेदन के लिए कुछ हजार रुपये लगाने में गुरेज नहीं करेगा, ताकि कोई मौका हाथ से न जाने पाये। यही होड़ परिषद के कमाई का जरिया बन गयी है। यूपी में किसी भी एक परीक्षा के लिए पदों के सापेक्ष शायद पहली बार इतने आवेदन आये होंगे। 72800 पदों के लिए आवेदन अब बेसिक शिक्षा परिषद के लिए मुसीबत बन सकते है। सूत्रों का कहना है कि नौकरी पक्की करने के लिए अभ्यर्थियों ने परिषद के खजाने को भर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने कहा कि अब आवेदन पत्रों को जमा करने की तिथि नहीं बढ़ायी जाएगी। उनकी स्क्रीनिंग करायी जाएगी। सभी कुछ बेसिक शिक्षा परिषद में किया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर की मेरिट से सभी आवेदकों को मेरिट दी जाएगी। इसी में आरक्षण का लाभ देकर मेरिट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली में जेण्डर के आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था न पहले थी न अब है। बीटीसी की ट्रेनिंग के लिए अभी महिलाओं के लिए पचास फीसद सीटें आरक्षित रहती हैं। चूकि पहले शिक्षकों की भर्ती बीटीसी के आधार पर होती थी तो महिलाओं को नौकरी में पचास फीसद कब्जा रहता था। हो सकता है कि इसमें इस बार भी इजाफा हो जाए, कम हो जाए, लेकिन नौकरी में जेण्डर के आधार पर आरक्षण कभी नहीं मिला है। इस बार भी नहीं दिया जा रहा है।

UPTET : 22 को जारी होगी TET की मेरिट लिस्ट

Lucknow: सभी districts में एक साथ शुरू की जाएगी counselling, अलग-अलग जिलों से अप्लाई करने वाले को हो सकती है दिक्कत

टीईटी आवेदन करने की डेट सोमवार को खत्म हो गई. टीईटी में भर्ती के लिए विकलांग कैंडीडेट्स को मिलाकर करीब 71 लाख लोगों ने अप्लाई किया है. बेसिक शिक्षा विभाग को अभी अंदाजा नहीं था कि प्रदेश भर की 72 हजार सीटों पर इतनी संख्या में आवेदन आएंगे. बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, इसमें एक कैंडीडेट्स ने 50 जिलों में आवेदन किया है.
इस वजह से इतनी संख्या में आवेदन आएं हैं. बहरहाल, सोमवार को टीईटी के अप्लाई करने की लास्ट डेट से ठीक 15 दिन बाद यानी 22 जनवरी को मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी. वहीं, 31 मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.


15 दिन में जारी होगी मेरिट लिस्ट
आवेदन की लास्ट डेट खत्म होने के बाद विभाग अब मेरिट लिस्ट तैयार करेगा. इसके हिसाब से ही कैंडीडेट्स की काउंसिलिंग रखी जाएगी. मगर सवाल यह है कि अगर एक साथ सभी जगहों पर काउंसिलिंग रखी गई तो कई जिलों में आवेदन करने वाला कैंडीडेट कैसे वहां पर पहुंच पाएगा. इसको लेकर अभी से कैंडीडेट्स के मन में आशंकाएं पैदा होने लगी हैं. बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, आवेदन के 15 दिन के बाद मेरिट लिस्ट जारी कर दी जाएगी. सभी जिलों में एक साथ ही काउंसिलिंग शुरू की जाएगी. 


नाम दिलाएगा तैनाती
टीईटी कैंडीडेट्स की नियुक्ति जिलेवार की जाएगी. चयन समिति में प्रिसिंपल डायट, बीएसए, राजकीय कॉलेज का प्रिसिंपल और जिलाधिकारी की ओर से नामित एक विषय विशेषज्ञ शामिल होगा. इसके बाद जनपद स्तर पर ज्येष्ठता सूची तैयार की जाएगी. अगर कैंडीडेट की गुणवत्ता अंक समान है तो अधिक आयु वाले कैंडीडेट को वरीयता दी जाएगी.
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, अगर किसी कैंडीडेट की गुणवत्ता अंक और ऐज भी सेम निकली तो कैंडीडेट का चयन अल्फाबेटकली किया जाएगा. बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, काउंसिलिंग की डेट वेबसाइट पर डिक्लेयर की जाएगी. नियुक्ति के बाद इनको 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी.


पुलिस वेरिफिकेशन होगा जरुरी
मूल दस्तावेजों के सत्यापन के बाद कैंडीडेट की फोटो आईडेंटीटी भी वेबसाइट से चेक की जाएगी. इसके अलावा कैंडीडेट को पुलिस वैरिफिकेशन भी देना जरूरी है. बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, अगर सत्यापन के दौरान किसी कैंडीडेट के दस्तावेज फर्जी पाए जाएंगे तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.


तैयार कर रहे हैं प्रस्ताव
टीईटी में आवेदन करने वाले ज्यादातर कैंडीडेट्स ऐसे हैं जिन्होंने एक साथ कई जगहों पर अप्लाई किया है. सभी जिलों की काउंसिलिंग एक ही समय पर होनी है. सूत्रों की मानें तो बेसिक शिक्षा विभाग ऐसा विकल्प तैयार करने पर विचार बना रहा जिससे एक कैंडीडेट अन्य जिलों की काउंसिलिंग में भी शामिल हो सके.

समय सीमा में ही होगी भर्ती
डायरेक्टर की मानें तो डिस्ट्रिक्ट वाइज मेरिट वेबसाइट में अपलोड कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि मेरिट लिस्ट 22 जनवरी को डिक्लेयर होगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि अंतिम तिथि बढऩे के बावजूद प्रॉसेस में कोई लेटलतीफी का असर नहीं पड़ेगा. डायरेक्टर वासुदेव यादव ने कहा कि सचिव को इससे अवगत करा दिया गया है कि काउंसलिंग की तिथि डिस्ट्रिक्ट वाइज ध्यान में रखकर डिक्लेयर की जाए, जिससे कैंडिडेट्स को प्रॉब्लम न हो. ऐसे में काउंसलिंग 29 जनवरी से शुरू कर दी जाएगी.

तीन शिफ्ट में काउंसिलिंग
उन्होंने बताया कि काउंसिलिंग शेड्यूल कैंडिडेट्स की संख्या को देखते हुए तय किया गया है. ऐसे में तीन शिफ्ट में काउंसिलिंग किए जाने पर विचार किया जा रहा है. डायरेक्टर की मानें तो काउंसिलिंग व सत्यापन एक महीने चलेगा. डायरेक्टर वासुदेव यादव का कहना है कि परिषद की ओर से सेलेक्शन प्रॉसेस की डेट लिमिट पहले ही तैयार कर ली गई है. ऐसे में उसी हिसाब से ऑफिसर्स को निर्देश दिए गए हैं. वासुदेव यादव ने बताया कि 31 मार्च तक भर्ती प्रकिया को पूरा किया जाना है