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शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

टाटा-बिड़ला-अंबानी के सपने हुए साकार

टाटा-बिड़ला-अंबानी के सपने हुए साकार
नई दिल्ली, एजेंसी : बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करना अनिल धीरू भाई अंबानी समूह (एडीएजी) का सपना रहा है। इसकी चर्चा कई बार समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी कर चुके हैं। यही इच्छा टाटा और बिड़ला समूह की भी रही है। इनके सपनों को प्रणब मुखर्जी ने साकार कर दिया। निजी क्षेत्र को और बैंकिंग लाइसेंस देने की घोषणा पर उद्योग जगत ने सुखद आश्चर्य जताया है। आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यह घोषणा सुखद आश्चर्य की तरह है। हम निश्चित तौर पर एक बैंक खोलना चाहते हैं। आदित्य बिड़ला फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय श्रीनिवासन ने कहा कि हमें भरोसा है कि हम उन योग्यता मानदंडों पर खरे उतरेंगे जो तय किया जाएगा। अनिल अंबानी समूह की वित्तीय सेवा शाखा रिलायंस कैपिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैम घोष ने कहा कि यह कदम भविष्य में रिलायंस कैपिटल के वृद्धि के नए आयाम खोलता है। हम इस संबंध में ब्योरे और दिशा निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं कि आरबीआई नई निजी कंपनियों और एनबीएफसी को बैंकिंग लाइसेंस देने पर विचार कर रहा है। यह सकारात्मक पहल है। इससे अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचे और अन्य उत्पादक क्षेत्रों के लिए संसाधन जुटाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इन दोनों समूहों के अलावा टाटा समूह की शाखा टाटा कैपिटल, मालविंदर सिंह के नेतृत्व वाले रेलिगेयर समूह और मुथूट समूह बैंकिंग लाइसेंस पर निगाह रखे हुए है। देश के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर ने कहा कि बैंकिंग एक जटिल कारोबार है। यह देखना होगा कि आरबीआई अतिरिक्त लाइसेंस देने के लिए क्या प्रक्रिया तय करता है। रेलिगेयर इंटरप्राइजेज के मुख्य अर्थशास्त्री जयशंकर ने कहा कि काफी समय से एनबीएफसी बैंकिंग लाइसेंस की मांग कर रही थी। यह सकारात्मक पहल है। इससे बैकिंग क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

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